मैं गुनगुनाता हूं एक गीत
जिसमे बाते हैं हम सब की
कल आज और आने वाले कल की
हमरे बचपन के ख्वाहिशों की
अभी गुज़रते हुए वक़्त की
आने वाले अच्छे दिन की आशा की
बचपना मिट्टी में लोटपोट होके खेलने में गुजरी
तो जवानी मिट्टी पे बने घर के कर्ज चुकाने में
और मृत्यु वापसी मिट्टी में मिल जाने की सच्ची करवाहट में
पहले तो कलम और दवात थे
अब तो आईपैड नोटपैड और AI हैं
और कल सिर्फ मन के ख्याल रहेंगे
समय की फिक्र ना थी जोश की कमी ना थी
अभी पैसे कमाने की होर में हैं हेल्थ को मात दी
और कल स्वास्थ्य ठीक करने में पैसे खतम की
सोचता था जीवन मस्ती में गुजरेगी हस हस के
क्या पता हम जियेंगे दूसरे की सफलता से जल-जल के
और मरेंगे खुद पे तरस खा खा के
मेहनत तो तब भी की थी खेलें कूदने और पढने में
मेहनत अब भी कर रहे जिंदगी को संवारने में
और कल भी करेंगे बिगडे हुए चीज़ों को सवारने में
कोशिश करता हूं कि बचपना सवार के रखू
धन दौलत से आगे खुशियां सवार के रखू
आने वाले कल के लिए खुद को तंदुरुस्त रखू
अचानक आवाज आती है आस-पास से कि बिना पैसे की इज्जत नहीं
फिर लग जाता हु रोजमर्रे की जिंदगी में जीवन का मकसद भुला के
अपनी संस्कृति और सद्व्यवहार भूला के
मैं गुनगुनाता हूं एक गीत
जिसमें बाते हैं हम सब की
कल आज और आने वाले कल की